रविवार, 16 फ़रवरी 2014

राजनीति

भारत बनाम नेताओं का समूह


जनता बनाम भेड़ो का समूह जिनसे प्रोफिट बहुत है जिसमे लाठी थामने और चारा खिलाने  की क़ाबिलियत हो हाँक ले जाओ l

राजनीत बिना उद्देश्य और लक्ष्य के चलती हुई गाड़ी ,जिसका इस्तेमाल नेता कर रहे है...अपने शौक शक्ति और पैसा कमाने के लिए l

नेता बनाम उधोयोगपतियों के अदृश्य  गुलाम

मीडिया सभी गठजोड़ और संस्कारों को सम्पन कराने वाला  विद्वान...जिसने जितना  दिया उसके लिए उतने ही जादा मंत्र उच्चारण करेगा l

कुल मिला कर भारत का प्रजातंत्र...महाभारत का चक्रव्यूह जिसमे मृत्यु हमेशा अभिमन्यु बनाम सत्य की होती रहेंगी l

क्यूँकि..भारतियों की शारीरिक एवं वैचारिक   स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 से , आज तक मानसिक गुलामी से आजाद नही हो पाये......……………………आखिर क्यों ???????

.रेनू सिंह 

3 टिप्‍पणियां:

  1. रेनू जी आपने अच्छा प्रयास किया है आज की राजनीतिक परिस्थिति पर !एक अच्छा लेख !आशा है की आगे भी इस तरह ओर अधिक पड़ने को मिलता रहेगा

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    1. जी अवश्य आदरणीय शुभ संध्या धन्यवाद आपका !

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  2. रेनू जी प्रतास कीजिये के लेख थोड़े बड़े हो !

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