भारत बनाम नेताओं का समूह
जनता बनाम भेड़ो का समूह जिनसे प्रोफिट बहुत है जिसमे लाठी थामने और चारा खिलाने की क़ाबिलियत हो हाँक ले जाओ l
राजनीत बिना उद्देश्य और लक्ष्य के चलती हुई गाड़ी ,जिसका इस्तेमाल नेता कर रहे है...अपने शौक शक्ति और पैसा कमाने के लिए l
नेता बनाम उधोयोगपतियों के अदृश्य गुलाम
मीडिया सभी गठजोड़ और संस्कारों को सम्पन कराने वाला विद्वान...जिसने जितना दिया उसके लिए उतने ही जादा मंत्र उच्चारण करेगा l
कुल मिला कर भारत का प्रजातंत्र...महाभारत का चक्रव्यूह जिसमे मृत्यु हमेशा अभिमन्यु बनाम सत्य की होती रहेंगी l
क्यूँकि..भारतियों की शारीरिक एवं वैचारिक स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 से , आज तक मानसिक गुलामी से आजाद नही हो पाये......……………………आखिर क्यों ???????
.रेनू सिंह
रेनू जी आपने अच्छा प्रयास किया है आज की राजनीतिक परिस्थिति पर !एक अच्छा लेख !आशा है की आगे भी इस तरह ओर अधिक पड़ने को मिलता रहेगा
जवाब देंहटाएंजी अवश्य आदरणीय शुभ संध्या धन्यवाद आपका !
हटाएंरेनू जी प्रतास कीजिये के लेख थोड़े बड़े हो !
जवाब देंहटाएं