नीँद और भ्रम
निंद्रा की तन्द्रा गहरी थी , आहट से टूट गयी !
आहट तुम्हारी थी या , झाँक कर लोट गये!!
हर बार आयी मै ,दरवाज़े पर ना पाया कुछ !
एनेक बार सोई पर , सपना भी ना आया कुछ !!
अधसोई अधजगी , हर पल तुनको सौंपा !
तुमने स्वीकारा , या दरवाज़े आकार लौट गये !!
शांत भी ना रह सकी , कुछ भी मै कह न सकी !
जीवन का झरना बन , झील रही बह ना सकी !!
रूठा मन राजहंस , तुम तक पहुंचा होगा !
तुमने मनुहारा , या दरवाज़े आकार लौट गये !!
मन के समुन्दर मे , सीप बन मोती सी !
मेरी कल्पना , सपनो मे भी सोती सी!!
सागर तट आकार ,बार बार डूबी भी !
तुमने उबारा, या दरवाज़े आकार लौट गये !!
असंख्य चिराग मै , आँचल की ओट किये !
नदियों तक लायी थी ,लहरों पर छोड़ दिए !!
आहट तुम्हारी थी या , झाँक कर लोट गये!!
हर बार आयी मै ,दरवाज़े पर ना पाया कुछ !
एनेक बार सोई पर , सपना भी ना आया कुछ !!
अधसोई अधजगी , हर पल तुनको सौंपा !
तुमने स्वीकारा , या दरवाज़े आकार लौट गये !!
शांत भी ना रह सकी , कुछ भी मै कह न सकी !
जीवन का झरना बन , झील रही बह ना सकी !!
रूठा मन राजहंस , तुम तक पहुंचा होगा !
तुमने मनुहारा , या दरवाज़े आकार लौट गये !!
मन के समुन्दर मे , सीप बन मोती सी !
मेरी कल्पना , सपनो मे भी सोती सी!!
सागर तट आकार ,बार बार डूबी भी !
तुमने उबारा, या दरवाज़े आकार लौट गये !!
असंख्य चिराग मै , आँचल की ओट किये !
नदियों तक लायी थी ,लहरों पर छोड़ दिए !!
दिनेश सक्सेना
bahut khub. sach hi hai ki chetan rehne ke liye nidra jaruri hai. ye naa aaye to qaraar chala jata hai
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ प्रतीक्षा तुमसे नींद आना जरूरी है पर नींद मे भ्रम होना शुभ संकेत नहीं है
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