शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014

राजनीति


हिंसा पर रोक 


साम्प्रायादायिक हिंसा पर रोक जरूरी 


बहुचर्चित साम्प्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक का वही हश्र हुआ जिसकी पहले से ही आशंका थी ! जबकी केंद्र सरकार इस विधेयक को संसद मे  पेश कर राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश मे  थी ,जिसे एकजुट  विपक्ष ने सफल नहीं होने दिया ! यह वास्तव मे  सरकार की एक तरह से पराजय की ही स्तिथि है ! वर्त्तमान लोकसभा के इस अंतिम माने जा रहे सत्र को छुअब के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है ! यह भी माना जा रहा है कि चुनाव मे  कांग्रेस की हालत बहुत कमजोर एवं दयनीय है ! ऐसे मे  कांग्रेस इस कोशिश मे थी कि जितनी अधिक से अधिक चीज़े अपने हक़  मे  कर सकती है कर ले !

उसकी कोशिश इस सत्र मे  अनेक ऐसे विधेयकों को प्रस्तुत कर ,पास करवाने की थी ,जिससे चुनाव मे कांग्रेस और अधिक मजबूती के साथ उतर सके तथा बता सके की हमने कितना काम किया है !विपक्षी तेवरों से लगता  नहीं कि इसमें उसे कोई सफलता मिल सकेगी !सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक टालने को इसी रूप मे देखा जा सकता है !केंद्रीय वित्त मंत्री पी,चिदंबरम ने पहले ही इसकी आशंका जता दी थी ,कि इस सत्र मे कुछ परम्पराएं मात्र निभाने के अतिरिक्त कोई महत्वपूर्ण विधेयक पारित नहीं किया जा सकेगा !कोई दो राय नहीं कि साम्प्रदायिकता और सांप्रदायिक हिंसा समाज के लिए बड़ा ख़तरा बनता जा रहा है ! शायद यही कारण है कि विपक्ष भी इस पर अत्यंत गम्भीर है ! शाश्वत सत्य है कि संघीय व्यवस्था  मे राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता और किया भी नहीं जाना चाहिये !

यह जिम्मेदारी तो सरकार और विपक्ष दोनों की है की साम्प्रदायिक हिंसा पर  प्रभावी रोक की व्यवस्था करे ,अन्यथा देश को बहुत बड़ी हानि होगी बहुत कुछ सम्भावना है की देश विघटन की ओर बाद जाये !अतः सरकार और विपक्ष दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित भी करना होगा की साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक से नहीं अपितु सौहारदपूर्ण माहौल बनाने से शान्ति स्थापित होगी ! ऐसे आदर्श सरकार और विपक्ष दोनों को ही प्रस्तुत करने होंगे की समाज एक जुट रहकर कार्य कर सके तथा विघटन से बचा जा सके !

दिनेश  सक्सेना

2 टिप्‍पणियां:

  1. ये बिल जहाँ संविधान की धाराओ के अनुरूप नहीं है वही ये बिल राज्यों के अधिकारों में केंद्र का हस्तक्षेप भी है /यह बिल हिन्दू हितो के पूर्णतः खिलाफ है /ऐसे बिल लाने वालो की घोर निंदा होनी चाहिए /ये बिल समाज को बर्बाद करके रख देगा इसे कतई पास नहीं किया जा सकता संसद में /

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    1. आपने प्रकाश जी पूर्णतया सत्य कहा है यदि यह बिल पास होता है तो पूरा समाज विघटित हो जायेगा ,इस बिल पर विपक्ष के भूमिका सराहनीये है !कांग्रेस की नीति सदा समाज को बाँटने की ही रही है जो देश हित मे नहीं है !!!भविष्य मे भी इस तरहा के बिल का विरोध होता रहेगा !!!!!!!

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