शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

राजनीति

  हंगामा और तेलंगाना 


संसद के अंदर आपसी कटुता के कारण काली मिर्च स्प्रे का प्रयोग वा सांसदों द्वारा किया गया हंगामा वास्तव मे लोकतंत्र को ही नहीं अपितु सम्पूर्ण देश को शर्मसार कर गया ! विदेशों मे भी भारत की छबी को जो  क्षति पहुँची है  उसका वर्णन करना खुद को ही शर्मसार करना होगा !सियासत और सियासतदारों का ऐसा घिनोना खेल शायद ही कभी देश ने देखा होगा ! इस खेल ने 2014 मे सभी मर्यादाओं को ताक पर रख कर तेलंगाना सम्बन्धी विधेयक को आखिरकार मंजूरी मिल जाना इस चुनावी समय मे कांग्रेस अपने लिए बड़ी उपलब्धी मान रही है ! वैसे उसे इससे होने वाले राजनीतिक  नफ़ा नुक्सान का गणित लगाने के वजाय यह देखना अधिक प्रासंगिक होगा कि चिर प्रतीक्षित तेलंगाना को कितना फायदा होगा और सीमांध्र को कितना घाटा होगा !यह भी सोचना होगा कि नए राज्य के गठन से उस इलाके की समस्या हल हो सकेगी अथवा नहीं !केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने तक ही सब कुछ सीमित रह जायेगा !

ऐसा माना जाता है कि उत्तराखंड एवं झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के बाद से राजनीतिक पार्टीओं  को जरूर लाभ पहुंचा है पर वहाँ के लोगों को कुछ हासिल नहीं हो सका है !यही नहीं इसके साथ ही केंद्र मे बनने वाली आगामी सरकार के समक्ष बुंदेलखंड ,पूर्वांचल ,विदर्भ ,बोडोलैंड और गोरखालैंड जैसे राज्यों के मांगों को भी सहने को तैयार रहना होगा ! इस पूरे प्रकरण मे बहुत कुछ  सम्भव है कि पूरे देश मे विरोध का शिकार हो रही कांग्रेस को तेलंगाना मे कुछ सीट अधिक प्राप्त हो जाये किन्तु सीमांध्र मे तो उसके लिए उम्मीद कम लग रही है !एक तो राज्य के कोंग्रेस्सी मुख्य मंत्री पद और पार्टी छोड़ कर विरोध मे खड़े हो गए है ! अनेक और सांसद - विधायक भी विरोध मे उतर आये है ! कांग्रेस से ही अलग हुए जगन मोहन रेड्डी की पार्टी पहले से ही तेलंगाना के खिलाफ वहाँ एक मजबूत आंदोलन चलाये हए है !

यह सब कुछ कांग्रेस के विरोध मे ही जाता दिख रहा है ! क्या इस सब की भरपाई की कोशिश मे प्रधान मंत्री ने सीमांध्र को विशेष पैकेज देने का आश्वासन दिया है पर लगता नहीं कि यह घाव पर मरहम का काम करेगा !अलग तेलंगाना राज्य बन जाने के बाद उसके अपने झगडे भी सीमांध्र के साथ शुरू हो सकते है ! इसमें पानी का सवाल सबसे बड़ा होगा जिसका हल अभी निकट भविष्य मे नजर नहीं आता ! अब तक कांग्रेस ने जितनी बार देश को बांटा है शायद ही किसी अन्य दल ने ऐसा किया हो ! कांग्रेस के कारण देश तो सदा ही विघटित होता रहा है और समस्याओं मे  भी बढ़ोतरी हुयी है ! आखिर देश बांटों और राज करो की नीति कब तक यह देश सहन करता रहेगा !

दिनेश सक्सेना

2 टिप्‍पणियां:

  1. यह दूषित राजनीति का ही 'काजनीति' है!! यही राजनीति लोगों को 'जोड़' रही है. यही राजनीति अब 'देश रूपी पेड़ को सुरक्षित कर रही है'

    कांग्रेस पूरी तरह सनक से काम रही है... पहले सनक सवार था लूटने का अब सवार है किसी तरह देश का ध्यान लूट से हटाया जाय!!

    सुन्दर एवं प्रभावकारी अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद.

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    1. मिश्रा जी आप से सहमत हूँ पूर्णरूप से ! आपको हार्दिक धन्यबाद मेरा उत्साह वर्धन के लिए !आशा है की आगे भी आपका मार्गदर्शन मुझे मिलता रहेगा !

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