शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

राजनीति

असमानता पैदा करने वाला आयोग 


आगामी लोकसभा के बिकुल ठीक पहले अपने कार्यकाल के आखिरी वक़्त मे संप्रंग 2 सरकार निरंतर इस कोशिश मे दिखाई दे रही है कि वह अपनी वापसी के लिए किस तरह मतदाताओं को अधिक से अधिक लुभा सके ! विशेष कर मुस्लिम मतदाताओं पर कांग्रेस की नज़र है ! इसी कारण सरकार अल्पसंख्यक के नाम पर मुस्लिम समुदाय पर महरवानियां बरसाने मे  कोई कसर  नहीं छोड़ना चाहती है ! न्याय मूर्ती राजेंद्र सच्चर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अल्पसंख्यकों के लिए सामान अवसर आयोग के गठन की मंजूरी को इसे रूप मे ही लिया है !देश का संविधान तो बिना जाती ,मजहव का भेद किये सभी को सामान अधिकार की और विकास की ही बात करता है ! फिर क्यों इससे हट कर वोट बैंक के लिए समाज को धार्मिक आधार पर बाँटा जा रहा है ?राजनीती का इतना पतन होगा वोट बैंक के लिए यह कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा ! किन्तु वोट की राजनीति नागरिकों को अल्पसंख्यक एवं बहुसंखयक के द्र्ष्टि कोण से देखा जायेगा ऐसे कल्पना भी कभी किसी  सभ्य समाज ने नहीं की होगी ! सरकार क्यों नहीं देखती कि किसी ख़ास समुदाएँ को लाभ पहुचाते समय अन्य समुदायों की अनदेखी ना की जाये ?

सामान अवसर आयोग वास्तव मे नागरिकों की असमानता का भाव पैदा करता है ! पर अल्पसंख्यकों की समस्याओं को ध्यान मे रखते हुए प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने संप्रग 1 शाशन काल के अंदर 2005 मे सच्चर कमेटी का गठन किया था कमेटी की सिफारिशे भी 2006 मे ही आ गयी थी ! तब से सरकार उसे ठन्डे वस्ते मे डाले हुए थी ! परन्तु अब चुनाव के समय उसकी याद अचानक आना कोई अप्रत्याशित नहीं है अपितु यह केवल वोट बैंक के राजनीति का ही हिस्सा मात्र है ! मुस्लिम समुदाय प्रगती की राह पर आगे बड़े इस पर किसी देशवासी को कोई आपत्ति नहीं है पर जिस तरह से कांग्रेस ने चुनाव के समय इस जिन्न को बहार निकाला है वह तरीका आपत्तिजनक जरूर है 

राजनीतिक मर्यादायों के पतन के बाद अब देश की कांग्रेस पार्टी से और क्या उम्मीद की जा सकती है ! राजनीतिक मर्यादाओं को सबसे ज्यादा तहस नहस कांग्रेस ने ही किया है क्योंकि देश मै सबसे अधिक शाशन उसी ने किया है ! देश के नागरिकों के हर वर्ग की तरक्की हो इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं है आपत्ति इस बात पर है कि राजनीतिक मूल्यों मे जो गिराबट आयी है उससे समाज आपस मे  ही बट गया है ! मुस्लिम तुष्टीकरण जाती वाद के नाम पर कब तक कांग्रेस देश पर राज्य करेगी यह भी देश की जनता को सोचना होगा यदि देश को विघटन से बचाना है तो देश के मतदाताओं को इस विषय पर गंभीता पूर्वक विचार करना होगा अन्यथा यह देश आंतरिक दंगे फसादों मे ही फंसा रहेगा !

दिनेश सक्सेना

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