कविता
मैंने प्यार किया था
भूल नहीं पाया कि तुम्हे प्यार किया था
तुमने भीकहाँ निभाने से इंकार किया था
हर राह मे क्यों तुम्हे मुश्किल दिखी
मैंने हमेशा तुम पर एतवार किया था
हम पुकारते रहे तुम ही ना सुन सकी
मैंने कब साथ चलने से इंकार किया था
दिल है मानता नहीं इसको लाख मनाया
कहता है क्यूँ प्यार का इकरार किया था
कारण है इसका ये गिला भी तुम्हारा है
इस प्यारनेमेरे दिल को बीमार किया था
तुमने भीकहाँ निभाने से इंकार किया था
हर राह मे क्यों तुम्हे मुश्किल दिखी
मैंने हमेशा तुम पर एतवार किया था
हम पुकारते रहे तुम ही ना सुन सकी
मैंने कब साथ चलने से इंकार किया था
दिल है मानता नहीं इसको लाख मनाया
कहता है क्यूँ प्यार का इकरार किया था
कारण है इसका ये गिला भी तुम्हारा है
इस प्यारनेमेरे दिल को बीमार किया था
दिनेश सक्सेना
very nice sir.
जवाब देंहटाएंआभार आपका रेनू जी हार्दिक धन्यबाद उत्साह वर्धन के लिए !!!!!!!!!
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