मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

राजनीति

बजट , उम्मीद और कोशिश 


वित्त मंत्री से चाहे लोगों को कितनी उमीदें रही हो किन्तु  उन्होंने अंतरिम बजट के माघ्यम से अपनी सरकार और पार्टी की बहुत सारी उम्मीदों को पूरा करने की भरसक कोशिश की है ! देश की आबादी मे  60 % युवा है !चुनावी साल मे बजट पेश करते वक़्त वित्त मंत्री ने इसका ख्याल बहुत ख़ूबसूरती से रखा कि युवा को कैसे लुभाया जाये !एजुकेशन लोन मे ब्याज की राहत ,कंज्यूमेबल ड्यूरेबल व बाइक /कार पर एक्साइज ड्यूटी का कम करना ,सेना के जवानो को एक पद एक पेंशन का प्रावधान किया जाना जैसे कदम पूरे तरह से चुनाव को ध्यान मे रखते हुए किया गया एक कदम मात्र है !

फ़ोन और गाड़ियों की कीमत मे कमी कर वित्त मंत्री ने  मध्य आये वर्ग की बड़ी आबादी को भी लुभाने की कोशिश की है !इनकम टैक्स के स्लैब मे कोई परिवर्तन नहीं करना जबकी वोट ऑन एकाउंट पेश करने की मजबूरी कहा जा सकता है ,क्योंकी चुनाव के बाद आने वाली नई  सरकार जब अपना कार्य भार  सम्हालेगी तो पूरे साल के लिए बजट पेश करते समय इसका ध्यान रखा जा सकता है !वित्त मंत्री ने ऐसा बजट पेश कर आने वाली  सरकार के सामने एक चुनौती छोड़ दी है !देश के कर सुधारों के हिसाब से महत्वपूर्ण माने जाने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स  (जी एस टी )और डायरेक्ट टैक्स कोड (डी टी सी )लागू नहीं करना वित्त मंत्री की सबसे बड़ी चूक है जो केवल आने वाली सरकारों के लिए एक बम साबित होंगी ! उन्होंने यह इसे ना लागू किये जाने का ठीकरा भी विपक्ष के सिर फोड़ दिया !

ऑटो मोबाइल उद्योग एक लम्बे अर्से से एक्साइज ड्यूटी मे  राहत देने की मांग कर रहा था !इसकी मदद से सप्लाई चेन तथा कॉम्पोनेन्ट निर्माता को राहत देने की मांग की जा रही थी !चुनावी साल मे वित्त मंत्री ने इसे भी पूरा कर दिया और मदद पहुँचाने की कोशिश भी की !कृषि क़र्ज़ के लिए बड़ा प्रावधान कर और समय पर लोन चुकाने वाले किसानो को ब्याज मे राहत की घोषणा की जिससे किसान खुश होकर कांग्रेस को अपना वोट दे सके !किसानो के लिए ब्याज दर मे माफी और समय पर ब्याज चुकाने वाले किसानो को अतिरिक्त छूट की  घोषणा कर के समाज के एक बड़े वर्ग को लुभाने की मात्र कोशिश भर ही  कही जा सकती है चुनाव को देखते हुये !

पिछले सालों  मे शिक्षा क़र्ज़ लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या मे काफी बढ़ोत्तरी हुयी है !एजुकेशन लेने वाले छात्रों का  ब्याज माफ़ कर वित्त  मंत्री ने कम से कम 9 लाख छात्रों के रहत देने का प्रयास भर किया है जिससे सरकार की लोकप्रियया युवाओं मे बड़े ! चुनावी साल मे वित्त मंत्री ने मध्य वर्ग आय ,युवाओं और किसानो के साथ ही सेना के जवानो को लुभाने के लिए जो खेल खेला है वह निश्चित रूप से आने वाली सरकार के लिए कष्टकारी सिद्ध होगा ! हाँ इतना जरूर है कि वित्त मंत्री के उम्मीदे कुछ कुलांचे मारती प्रतीत हो रही है !

कुल मिलकर यह बजट केवल चुनावी बजट करार दिया जा सकता है ,इस बजट मे राहुल गांधी को केंद्र मे रखकर घोषणाय की गयी है ! इसमें केवल सरकार , पार्टी और राहुलगांधी को लाभ पहुँचाने का मात्र प्रावधान है अन्य कुछ नहीं ! पर अब बहुत देर हो चुकी है ,इस बजट से सरकार और पार्टी को कितना लाभ मिलेगा यह तो वक़्त ही बतायेगा ! कुल मिलकर बजट 2014 निराश करने वाला ही है ! यह स्व प्रशंसा का बृहद प्रयास  के अतिरिक्त कुछ नहीं है !यह  पूरी तरह दिशाहीन बजट  है !

दिनेश सक्सेना

3 टिप्‍पणियां:

  1. यह बजट अंतरिम है ऐसे में मंत्री जी ने बहुत ही चालाकी दिखाते हुए आगामी सरकार के लिए सिरदर्द दिया है. अब अगर अगली सरकार इसमें बदलाव करती है तो उसे बुरे मिलनी तै है और अगर वो इसे ही लागू रखती है तो जो सरकारी खजाना खाली होगा उसकी भरपाई कहाँ से होगी?

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  2. प्रतीक्षा आने वाली सरकार इसका तोड़ निकाल चुकी है यदि तुमने मोदी का भाषण अंतरिम बजट के बाद सूना हो ! कांग्रेस ने बीज बोने का भरसक प्रयत्न किया है इस बजट मै पर यह बजट कोई मुश्किलात खड़ीकर पायेगा आगामी सरकार के लिए वाह अभी नहीं दिखता !

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  3. इस सरकार और इस सरकार के किसी मंत्री से जनहित एवं देशहित की उम्मीद ही बेमानी एवं जानलेवा है!! जो पिछले नौ वर्षों से देश के आम नागरिकों का बजट बिगड़ते आ रहे हैं उनसे क्या उम्मीद???

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