कल्पना
नित नूतन क्षण क्षण पल पल
एक कहानी तुम हो ऐसी
जैसे एक नया गीत पृष्ट पृष्ट
कहानी तुम हो गीत भरी
स्वर बसे सप्त रंगों मे
पृष्ट रचे है सप्त रंगों मे
बंधा है जीवन सप्त चक्र मे
तुम दिवानी ऐसी इन सबसे दूर
दिनेश सक्सेना
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