शुक्रवार, 31 जनवरी 2014









प्रकृति 


प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षित करता अपनी ओर 



सुंदरता देखो प्रकृति की बिखरी चारों ओर 
कहीं नीम कहीं अशोक कहीं पीपल है घोर 
लाल गुलाब से सुर्ख है 
धरती के गोरे गोरे गाल 
लिली मोगरा और चमेली 
देखो मचा रहे धमाल 
देखो हिम से ढका हिमालय 
नंदा की ऊंची पर्वत  चोटी 
कल कल करती बहती देखो 
गंगा यमुना की निर्मल धारा 
प्रकृति ने हम सब को दिया 
जीवन का अनुपम सन्देश 
आओ मिटाये मन की दूरी 
दूर हटाये कष्ट कलेश !!!


दिनेश सक्सेना

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