प्रकृति
प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षित करता अपनी ओर
सुंदरता देखो प्रकृति की बिखरी चारों ओर
कहीं नीम कहीं अशोक कहीं पीपल है घोर
लाल गुलाब से सुर्ख है
धरती के गोरे गोरे गाल
लिली मोगरा और चमेली
देखो मचा रहे धमाल
देखो हिम से ढका हिमालय
नंदा की ऊंची पर्वत चोटी
कल कल करती बहती देखो
गंगा यमुना की निर्मल धारा
प्रकृति ने हम सब को दिया
जीवन का अनुपम सन्देश
आओ मिटाये मन की दूरी
दूर हटाये कष्ट कलेश !!!
दिनेश सक्सेना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें