कविता
यादें
कुछ यादें अमिट छाप सी होती है
ह्रदय पटल पर
कुछ यादें कुठारघात सी होती है
मस्तिष्क पटल पर
कुछ अविष्मरणीय दृश्यों के छाप
नेत्र पटल पर
हैं जहाँ अभी हम खड़े हुये
प्रभावित न जीवन उससे इतना
जितना यादें करती प्रभावित मानव जीवन
मानव मन और मानव तन
सुख दुःख का अविष्मरणीय संगम ये यादें
.......रेनू सिंह
रेनू जी यादें सदा ही समिश्रित होती है जो कभी गुदगुदाती है तो कभी रुलाती है यह एक शाश्वत सत्य है !
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