बुधवार, 29 जनवरी 2014

राहुल गांधी और दंगे 

कांग्रेस उपधाय्क्ष राहुल गांधी का  1984 के दंगे और गुजरात के 2002 के दंगों पर अलग अलग नजरिया है !जबकि सिख विरोधी दंगों के समय उनके स्वर्गीय पिता राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे ,2002 के गुजरात दंगो के दौरान नरेंद्र मोदी मुख्या मंत्री थे !राहुल का कहना है कि सिख विरोधी दंगे रोकने  की केन्द्र सरकार ने भरसक कोशिश की थी ,हालाँकि यही बात वोह गुजरात दंगो के लिए नहीं कहते !वोह सीधे उन्हे गुजरात दंगो का कसूरवार ठहराते है !जाहिर है यह सब बातें उन्होंने उस समय कही है जबकि अनेक ओपिनियन पोल मे कांग्रेस पार्टी को भा जा पा से काफी पीछे दिखाया जा रहा है !

मध्य प्रदेश ,राजस्थान ,छत्तीसगढ़ और देहली के विधान सभा चुनाव मे कांग्रेस ने जिस तरह मुँह की खायी है ,उसे देखते हुऐ पार्टी अपने को फिर से सेक्युलर वादी स्तिथि कि ओर जाने की ही रण नीति बना रही है !इससे पहले मुज़फ्फरनगर दंगा पीड़ितों के बीच जब कांग्रेस अध्यक्ष दोवारा पहुंचे तो यही कहा गया कि उनकी इसके पीछे सांप्रदायिक सदभावना और संवेदना बनाये रखना ही उद्देश्य एवम रणनीति है !केंद्र सरकार UPA के कार्यकाल मे जिस तरह भृष्टाचार के बड़े बड़े मामले सामने आये है ,राहुल उसे अगुवाई करने वाली सरकार कि विफलता नहीं मानते !जबकि इस देश मे भृष्टाचार विरोध का एक सघन माहौल बना है !ऐसे मे जनता भी अच्छी तरह समझती है कि कांग्रेस एक बार फिर अपनी वोट बैंक कि राजनीति पर ही अपनी डूबती नैया पार लगाने के लिए मजबूर है ! इस लिए भले ही राहुल गाँधी पार्टी के अंदर नैतिकता और पारदर्शी सोच की बात करे खुद उनका सयासी आचरण बिलकुल इसके विपरीत है !


दिनेश सक्सेना 

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